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# दैनिक प्रतियोगिता हेतु बेखौफ सा हो गया हु मैं.. मासूम बच्चे की तरह हर और सा हो गया हु मैं. भटकता रहता हु, हवा सें टूटे हुए पत्ते की तरह. ...